- वंचित समाज के स्वाभिमान की लड़ाई है, पीछे नहीं हटेंगे: अनिल यादव
- दोषी पुलिस कर्मियों पर हो कार्यवाही, पूरे मामले की हो न्यायिक जांच: अनिल यादव
- आज़मगढ़ का प्रशासन दलित विरोधी: संतोष कटाई
- उपवास सत्याग्रह के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल समेत कई नेता पहुंचे आज़मगढ़
- पलिया गांव पहुंचें प्रदीप नरवाल, उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने कहा पलिया की लड़ाई बाकी है ।
आज़मगढ़ । जनपद के रौनापार थाने के पलिया गांव में हुए पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ रिक्शा स्टैंड पर कांग्रेस के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव, प्रदेश सचिव संतोष कटाई, यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष अमर बहादुर यादव, एनएसयूआई सचिव मंजीत यादव और विशाल दुबे पिछले दो दिन से उपवास सत्याग्रह पर हैं ।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही और ग्रामीणों पर दर्ज फ़र्ज़ी मुकदमें की वापसी जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
उपवास पर बैठे प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव ने कहा कि पलिया के पीड़ितों को जबतक न्याय नहीं मिलेगा तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज़मगढ़ पुलिस अमला की मानसिकता अत्यंत घिनौनी है और दलित विरोधी है। एक पुलिस अधिकारी दलित महिला के पास जाकर कहता है कि वह मजा लेने आया है, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है।
उपवास स्थल से उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब दलित और वंचित समाज के स्वाभिमान की लड़ाई है। इसको हम मजबूती से लड़ेंगे और जीतेंगे। अनिल यादव ने कहा कि आज़मगढ़ पुलिस लुटेरों के गिरोह में तब्दील हो गयी है जिसका काम लोगों की रक्षा करना नहीं है। हमारी मांग है कि दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही हो तथा पूरे मामले की न्यायिक जांच हो। उपवास पर बैठे संतोष कटाई ने कहा कि आज़मगढ़ का पुलिस प्रशासन दलित विरोधी है। पलिया की तरह गोधौरा जहानागंज में हुई घटनाएं इसका प्रमाण है। पलिया की तरह गोधौरा में भी दलित समाज के ऊपर उत्पीड़न हुआ है। फर्जी मुकदमे लादे गए हैं। अब यह लड़ाई बड़ी व्यापक हो गयी है पूरे जिले का सवाल उठाया जाएगा।
जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने बताया कि धरने के समर्थन में राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, दलित कांग्रेस के अध्यक्ष आलोक प्रसाद, रामसजीवन निर्मल आज़मगढ़ आएं हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह और प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह लगातार आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।