सुनो…सुनो…सुनो…सरकार के मेहरबानों सुनो…जोगी जी के कद्रदानों सुनो…लोकतंत्र के दुहाईदानों सुनो।
प्रदेश में सब कुछ अच्छा चल रिया है…बोले तो…यहां पर सब शांति शांति है।
हां, एकदम पिरेम से चुनाव सम्पन्न हो रिया है। का कहा जंगलराज….?खामोश…! जंगलराज तो सिर्फ बंगाल चुनाव में था…लोकतंत्र तो सिर्फ वहीं खतरे में था…राष्ट्रपति शासन की सिर्फ वहीं जरूरत थी।
यहां सब चंगा सी….
पूर्व विधा’नसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाड़े के साथ दुर्व्यवहार,उनकी पत्नी का पर्चा छीनकर फाड़ा।
तो क्या होई गवा..?
लखमीपुर खीरी में जीभेपी कार्यकर्ताओं द्वारा सप्पा की महिला प्रत्याशी के चीरहरण का प्रयास हुआ ।
तो कौन सी बड़ी बात हो गयी..?
कन्नौज में न्यूज़ चैनल के पत्रकार को जीभेपी कार्यकर्त्ताओं द्वारा पीटा गया कैमरा तोड़ा दिया गया ।
तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा..?
कितनी जगह बमबाजी, गोलीबारी, पत्थरबाजी हुई।कितने लोगों का पर्चा लूटा..जोरजबरदस्ती हुई !
अरे तो का हुआ…इतने में लोकतंत्र खतरे में होई गवा का..?
चलो चलो ई सब भूल जाओ….एक बार पिरेम से नारा लगाओ…
जय हो रामराज की…जय हो सुशासन की…जय हो लोकतंत्र की…जय हो राजतन्त्र की।