सत्ता के सरंक्षण में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है प्रबन्धन 

वाराणसी । शहर के सुंदरपुर डीएलडब्ल्यू रोड पर नेवादा  स्थित संतुष्टि अस्पताल पर अपने ही छात्रों से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।संतुष्टि अस्पताल में पंजीकृत मेडिकल छात्रों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन मान्यता रदद् होने के बावजूद एडमिशन के नाम पर छात्रों से पैसा लेता रहा है अब जब परीक्षा देने की बारी आई तो मामला हाईकोर्ट में जाने का हवाला देकर परीक्षा करवाने से कतरा रहा है ,जिसे लेकर मेडिकल छात्र 21 जुलाई से लगातार अस्पताल के सामने धरना दे रहे है । छात्रों का आरोप है कि इस मामले पर जिला प्रशासन से लेकर ,काशी विद्यापीठ प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है ।ज्ञात हो कि अस्पताल के प्रबंधक संजय गर्ग एवं संचालिका रितु गर्ग का मौजूदा सरकार से नजदीकियां होने के कारण स्थानीय प्रशासन भी मौन साधे हुए है ।
विवादों से है पुराना नाता :
 संतुष्टि अस्पताल का अपने छात्रों के मध्य विवादों से पुराना नाता है ,कोई ऐसा वर्ष नही है जहाँ अस्पताल प्रबंधन और छात्रों के बीच विवाद न हो ,पिछले वर्ष कोरोना के पहले चरण  में ड्यूटी के लिए एक पैरामेडिकल स्टाफ पर दबाव बनाने पर खुद पूर्व थानाध्यक्ष लंका भारत भूषण तिवारी ने अस्पताल के प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था ,लेकिन सत्ता के दबाव में उन्हें भी झुकना पड़ा ।
छात्रों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन नीट (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) के द्वारा आये छात्रों के अलावा ,लखनऊ की एक कंसल्टेंसी एजेंसी की मदद से बिना नीट पास किये छात्रों का एडमिशन तथा कुछ अन्य छात्रों का अपने निजी स्तर पर एडमिशन किया गया है ।छात्रों ने यह भी बताया कि अस्पताल की निदेशक रितु गर्ग 2018 बैच के मेडिकल छात्रों का पूरी फीस लेने के बाद भी अगले वर्ष की परीक्षा के नाम पर पैसे की डिमांड की गई है।लेकिन उन्होंने न तो पहले वर्ष का ही परीक्षा कराया और न ही अब दूसरे वर्ष की परीक्षा के लिए तैयार है,प्रशासन और छात्रों के दबाव बनाने पर मामला डॉ रितु गर्ग मामला हाईकोर्ट में दर्ज होने का बहाना लेकर सभी को गुमराह कर रही है ।
सीसीआईएम  की मान्यता रदद् :
संतुष्टि अस्पताल में 2018 बैच के मेडिकल छात्र भोलेश्वर तिवारी का कहना है कि वे लोग लगभग 100 छात्रों की इस मांग को लेकर जब डीएम वाराणसी कौशलराज शर्मा से मिले तो डी एम ने  महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के रजिस्ट्रार से मुलाकात करने को कहा, जब छात्र काशी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार से मिले तो उन्होंने बताया कि अस्पताल का सी सी आई एम मान्यता रदद् है,और उन्होंने डीएम वाराणसी को इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट भेज दिया है ।
सबसे बड़ा सवाल ,कौन है जिम्मेदार ? :
संतुष्टि अस्पताल द्वारा अपने ही छात्रों का आर्थिक और मानसिक शोषण के मामले पर शासन की चुप्पी तथा जिला प्रशासन के ढुलमुल व्यवहार के कारण सैकड़ो छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है ।मेडिकल की छात्रा प्रीति यादव ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुझसे 8,95,500 रुपये फ़ीस ले लिया गया है,जिसकी कुछ रसीद हमारे पास है,एक रसीद फीस लेने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा हमे नही दिया गया है ,उल्टा अस्पताल प्रबंधन द्वारा हमें ही धमकियां दी जा रही है कि यदि सवाल खड़े करोगे तो तुम लोगों को फर्जी मामले में फंसा दिया जाएगा । छात्र भोलेश्वर तिवारी का कहना है कि उनसे पहले वर्ष 1लाख 99 हजार फीस जमा कराई गई थी ,फिर यह बताया गया कि जब तक दूसरे वर्ष का फीस जमा नही करोगे ,प्रथम वर्ष की परीक्षा में नही बैठने दिया जाएगा ।इस भय से दूसरे वर्ष की भी फीस 1लाख 99 हजार रुपए हमसे जमा करा ली गई ।लेकिन अब परीक्षा कराने की मांग पर अस्पताल प्रबंधन मामला कोर्ट में लंबित होने की बहानेबाज़ी कर रहा है ।अब जिस तरह से हम लोग किसान ,गरीब परिवार से है किसी तरह हमारे माता-पिता इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करके हमे डॉक्टर बनाने के सपने के साथ हमे पढ़ने भेजते है ।इस तरह से हमारे साथ धोखाधड़ी अब हमसे सहन नही हो पा रहा है या तो सरकार हमारी सुनकर मामले की जांच कराए या फिर हमें फांसी के फंदे पर लटका दे ।क्योंकि हम लोग प्रशासन से गुहार लगाते -लगाते अब थक चुके है ।
सत्ता की मौन सहमति क्यों ? 
संतुष्टि अस्पताल की निदेशिका रितु गर्ग नरेंद्र मोदी सरकार में बनारस की स्वच्छता अभियान की ब्रांड अम्बेसडर रह चुकी है ,इसके अलावा सत्ताधारी भाजपा की नजदीकियां जगजाहिर है ।ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि हर वर्ष मेडिकल छात्रों को डराने -धमकाने सहित धन उगाही का मामला प्रकाश में आने के बावजूद सरकार ऐसे मामले पर करवाई क्यों नही करती है ,आखिर सरकार और वाराणसी प्रशासन पर कौन दबाव बना रहा है,यह मामला समझ से परे है ।हालांकि इस मामले को लेकर छात्र भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से गुहार लगाए है कि इस संस्थान की मान्यता रदद् करके,संस्थान से पूरी फीस वसूलते हुए उन्हें किसी अन्य मेडिकल कालेज से अटैच कर दे ताकि उनका वर्ष बर्बाद न हो और वे परीक्षा दे सके ।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *