जनपद में कानून व्यवस्था में शिथिलता के मामले में हुई थी उच्चस्तरीय शिकायत
वाराणसी/चंदौली । लखनऊ शासन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में चर्चित अकोढवा प्रकरण के मामले में जांच के दौरान शिथिलता बरतने और अभियुक्तों से साठ-गांठ के मामले में आरोपों से घिरी पुलिस उपाधीक्षक प्रीति त्रिपाठी को शासन ने चकिया से हटाकर गैर जनपद स्थानांतरित कर दिया है ।इस मामले में शासन में उच्चस्तरीय शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई पुलिस क्षेत्राधिकारी चकिया के ऊपर की गई है ,अब उन्हें बलिया जनपद में पुलिस क्षेत्राधिकारी के रूप में तैनाती दी गई है ।ज्ञात हो कि चर्चित अकोढवा प्रकरण में जांच न किये जाने और मामले को दबाने के प्रयास के आरोप के बीच डीजीपी,एडीजी जोन वाराणसी एवं आई जी जोन वाराणसी से उच्च स्तर पर शिकायत करने के बाद शासन के रडार पर पुलिस क्षेत्राधिकारी चकिया प्रीति त्रिपाठी रही है ।इससे पूर्व भी विगत वर्ष लॉक डाउन के दौरान वाराणसी के सुंदरपुर में भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल के घर मे पुलिसिया उत्पीड़न की शिकायत पर भेलूपुर क्षेत्राधिकारी रहते हुए शासन ने इनके ऊपर कार्रवाई किया था ।
पुलिस अधीक्षक पर भी गिर सकती है गाज़ :
लखनऊ शासन में सूत्रों के अनुसार चंदौली जनपद के चर्चित अकोढवा प्रकरण और बर्थरा खुर्द में दलित उत्पीड़न के मामले पर पुलिस अधीक्षक चंदौली अमित कुमार भी शासन के निशाने पर है ।एडीजी एवं आई जी जोन परिक्षेत्र वाराणसी द्वारा अकोढवा मामले में पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा पालन न किए जाने के सम्बंध में तथा बर्थरा खुर्द में दलितों पर अत्याचार के मामले में तत्काल संज्ञान न लेकर करवाई करने के मामले में पर पुलिस अधीक्षक चंदौली भी करवाई के जद में आ सकते है ।अकोढवा मामले में विशेष न्यायाधीश (पास्को) चंदौली के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में हीलाहवाली बरतने और अभियुक्तों को संरक्षण देने के मामले में शासन ने सज्ञान लिया है ,जिस पर आगे करवाई हो सकती है ।