नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद भी सिंचाई से वंचित हैं गेहूं की खेती

चंदौली । चंद्रप्रभा प्रखंड से जुड़ी नहरों तथा माइनरों की विभाग द्वारा साफ सफाई कराए जाने के बावजूद जहां नहरें तथा माइनरे झाड़ से पटी पड़ी हैं वहीं नहरों में पानी के साथ बहकर भारी मात्रा में पहुंची जलकुंभी पानी के बहाव को रोक रही है । किसानों के खेतो तक नहरों का पानी पहुंचना मुश्किल हो गया है । जिससे धान का कटोरा सूखता नजर आ रहा है । बता दें कि लगभग चार दशक पहले तत्कालीन सांसद कमलापति त्रिपाठी ने क्षेत्र में नहरों का जाल बिछा कर किसानों को अच्छी पैदावार की सौगात दी थी लेकिन विभागीय अनदेखी के कारण नहरों के हेड से लेकर टेल तक पानी पहुंच पाना टेढ़ी खीर हो गया है । ऐसे में गेहूं की खेती प्रभावित हो रही है । किसान व्यक्तिगत साधनों से भारी धन खर्च कर सिंचाई करने के लिए मजबूर हैं ।

चुनाव में नहरें होती हैं सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा——

क्षेत्र के किसानों का कहना है कि चुनाव के समय नहरें तथा माइनर चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा होती है । प्रत्याशियों द्वारा सिंचाई को लेकर बदलाव के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन काम निकल जाने के बाद निर्वाचित प्रत्याशी नहरों की सुध तक लेना मुनासिब नहीं समझते । बबुरी क्षेत्र के अंतर्गत, चंदौली, राबर्ट्सगंज तथा मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद विकास का खाका अधूरा है । नहरों का जाल तीनो सांसदों के संसदीय क्षेत्र से गुजरता है लेकिन कृषि विकास के नाम पर धरातल पर सब कुछ शुन्य है । हर जगह नहरों के साफ सफाई का कार्य केवल फाइलों में पूरा होता है । इतना ही नहीं क्षेत्र में कई जगह नहरों और माइनरों पर अवैध अतिक्रमण है जिसे शिकायत के बाद भी विभाग हटवा पाने में लाचार है ।

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