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उत्तराखंड में भूमि कानून पर कड़ी कारवाही आपको बता दे रहे हैं कि आपके उत्तराखंड सरकार ने भूमि कानून को लेकर एक जरूरी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की देखरेख में राज्य में बाहरी लोगों के जरिए जमीन की गलत खरीद-फरोख्त और कब्जे के मामलों पर कड़ी कारवाही की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य की संस्कृति, पर्यावरण और स्थानीय लोगों की भूमि को सुरक्षित रखना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उत्तराखंड की भूमि यहां के लोगों के हित में रहे और बाहरी ताकतें राज्य के संसाधनों का गलत तरीके से न कर सकें। यह फैसला प्रदेश की जनभावनाओं के अनुरूप है।

उत्तराखंड में भूमि कानून पर कड़ी कारवाही के मुख्य बिंदु

  • भूमि के कानून पर कड़ी कारवाही की जाएगी।
  • बाहरी लोगों के जरिए से जमीन को खरीदने पर रोक लगा दी जाएगी।
  • गलत तरीके से कब्जा करने पर सरकार की कड़ी नजर रहेगी।
  • राज्य की स्थितिकी और सांस्कृतिक संरक्षण का ध्यान।
  • स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा होगी सुनिश्चित।

कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भूमि कानून पर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने उन लोगों के खिलाफ सख्त कारवाही की बात कही है जिन्होंने गलत तरीके से अपने परिवार के नाम पर बड़ी मात्रा में जमीन खरीदी है। यह मामला गंभीर है क्योंकि सरकार का मानना है कि भूमि खरीद के नियमों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। इस पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

भूमि कानून: क्या है मौजूदा प्रावधान?

आपके uttarakhand bhulekh में एक कानून लागू किया गया है जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र से बाहर कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति 250 वर्ग मीटर तक ही भूमि खरीद सकता है। यह नियम राज्य के विकास और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था ताकि भूमि का सही इस्तेमाल हो सके। लेकिन सरकार का कहना है कि कई लोगों ने इस कानून का गलत फायदा उठाकर अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कई भूखंड खरीदे हैं जो चिंता का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह सामने आया है कि कई लोगों ने इस कानून का गलत इस्तेमाल किया है और जमीन उस उद्देश्य से नहीं खरीदी गई जिसके लिए यह प्रावधान बनाया गया था। उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार कर रही है और जल्द ही उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया है।

2017 के भूमि कानून में बदलाव: सकारात्मक परिणाम न आने की वजह

मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2017 में भूमि कानून में किए गए बदलावों से उम्मीद के मुताबिक सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहे हैं। इसलिए सरकार इन प्रावधानों की समीक्षा कर रही है और भविष्य में और बदलाव संभव हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि भूमि खरीद के नियमों में संतुलित खुलापन होना चाहिए लेकिन इसका गलत इस्तेमाल सख्ती से रोका जाना चाहिए।

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर तेज़ी से काम

मुख्यमंत्री ने भूमि कानून के साथ-साथ समान नागरिक यूसीसी पर भी चर्चा की है। उन्होंने बताया कि यूसीसी को लेकर राज्य में काफी प्रगति हो चुकी है और सरकार इसे जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में हमें सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं और समान नागरिक संहिता को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम हो रहा है।

धोखाधड़ी पर लगाम: 17,000 भर्तियों में पारदर्शिता

मुख्यमंत्री ने भूमि कानून और यूसीसी के साथ-साथ राज्य में हो रही भर्तियों में खुलापन पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में 17,000 भर्तियां बिना किसी धोखाधड़ी के खुलापन तरीके से पूरी हो चुकी हैं। पहले भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताएं थीं लेकिन अब इसमें सुधार लाया गया है।

कृषि और बागवानी के लिए भूमि खरीद पर रोक

जनवरी 2024 में उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया जिसमें बाहरी लोगों द्वारा कृषि और बागवानी के लिए जमीन खरीदने पर अस्थायी रोक लगाई गई। मुख्यमंत्री ने जनता और राज्य के हित में यह फैसला लिया। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक सरकार के जरिए गठित पांच सदस्यीय समिति भूमि कानून पर अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं पेश करती।

पांच सदस्यीय समिति का गठन

उत्तराखंड सरकार ने भूमि कानून की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई है जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव कर रही हैं। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की है जिसमें भूमि कानून में सुधार के सुझाव दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट से कृषि भूमि खरीदने की अनुमति का कई बार गलत इस्तेमाल हुआ है और कई लोगों ने इस जमीन पर रिसॉर्ट्स या बंगलों का निर्माण किया है।

भूमि कानून का दुरुपयोग: पहाड़ी निवासियों पर असर

समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि भूमि कानून का गलत इस्तेमाल पहाड़ी निवासियों को भूमिहीन बना रहा है। राज्य के लोग जो पहले ही आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे थे अब जमीन के इस मामले के कारण और भी परेशान हो गए हैं। इसके अलावा इन जमीनों का इस्तेमाल कृषि या बागवानी के लिए नहीं हो रहा जिससे नई रोजगार संभावनाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

राज्य सरकार की सख्ती

राज्य सरकार अब उन मामलों की जांच कर रही है जहां लोगों ने नियमों का उल्लंघन करके भूमि खरीदी है। ऐसे मामलों में कड़ी कारवाही की जाएगी और गलत तरीके से खरीदी गई जमीन को सरकार के अधीन कर लिया जाएगा। यह कदम राज्य के पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी माना जा रहा है।

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