उत्तराखंड भूलेख

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कुछ समय पहले ही राशन विभाग की सेवाओं को डिजिटल रूप से बनाने की दिशा में बहुत ही जरूरी कदम उठाया गया है उन्होंने अभी कहा है कि जितने भी नागरिक है उनको तहसील कार्यालय में बार-बार जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी इसीलिए आपकी सरकार ने सभी जरूरी सेवाओं को हम ऑनलाइन नहीं प्लेटफार्म पर उपलब्ध करने का आदेश दे दिया है बल्कि प्रशासनिक जब प्रक्रिया है उसमें भी खुलापन आएगा।

मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि जो Bhulekh Uttarakhand से सम्बंधित खतौनी की प्रक्रिया है उसको भी ऑनलाइन कर दिया गया है। साथ ही आप अपनी भूमि से सम्बंधित जानकारी को देखने के लिए Bhulekh Uttarakhand App को डाउनलोड कर के इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अब सभी नागरिकों को बार – बार तहसील जाने की जरुरत बिल्कुल भी नहीं पड़ेगी। इसके तहत शुल्क भुगतान करने के लिए भी तय किया गया है जो कि आप लोग अपने खतौनी को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं उसके अलावा भी राजस्व न्यायालय में सुनवाई जरूरत है और समय-समय पर दाखिल खारिज की कार्रवाई को भी पूरा करने के लिए आदेश दे दिया गया है यह सभी कदम राज्य के नागरिकों को और भी अच्छा सेवा प्रदान करने के लिए किया गया है और प्रशासनिक कामों में सुधार के लिए उठाए जा रहे हैं ऐसे क्या है कि सरकारी का जो भी काम है उसमें भी तेजी आएगी और आप लोग का विश्वास भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने दी जरूरी आदेश

उत्तराखंड भूलेख के जो मुख्यमंत्री हैं पुष्पकर सिंह धामी वह कुछ समय पहले सचिवालय में रसों विभाग किलो समीक्षा बैठक हुई थी उसमें अधिकारियों को कई ऐसे जरूरी आदेश दिए हैं विभाग की ज्यादा से ज्यादा सेवाओं को ऑनलाइन पोर्टल से ही जोड़ा जाना चाहिए ताकि जितने भी नागरिक है उनको तहसील कार्यालय में बार-बार जाने की जरूरत बिल्कुल भी ना पड़े।

खतौनी की ऑनलाइन उपलब्धता

सिम धामी ने खास तौर पर खतौनी की अधिकृत प्रति के लिए आप सभी नागरिकों को तहसील पर जाने से बचने के लिए एक दिशा में कदम को उठाने का आदेश दिया है जिससे कि आप लोग को बार-बार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी जो भी तय किया गया शुल्क है उसके साथ 15 जुलाई तक खतौनी ऑनलाइन है उसे अधिकृत प्रक्रिया की उपलब्धता को सुनिश्चित कर दिया जाएगा यह कदम राज्य के आप सब नागरिकों के लिए बहुत ही सुविधाजनक साबित होगा क्योंकि इससे आपको बड़ी-बड़ी लाइन में खड़ा होना भी नहीं पड़ा है इससे आपको मुक्ति मिल जाएगी।

न्यायालयों में सुनवाई की अनिवार्यता

आपको बता दे की बैठक के समय मुख्यमंत्री ने यह भी बताया है कि जो राजस्थान न्यायालय है उसमें एक हफ्ते में 2 दिन सनी जरूरी है इसको किया जाएगा अगर किसी भी मजिस्ट्रेट को कोई वजह है जिसकी वजह से न्यायालय में नहीं बैठ पा रहे हैं तो इस कोर्ट डायरी में साफ-साफ दर्द करना जरूरी होगा इससे क्या है कि न्यायिक जो कारवाही है इसमें खुलापन और जो जिम्मेदारी है वह भी बनेगा।

समयसीमा में दाखिल खारिज की कारवाही

सीएम ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दे दिया है कि जितने भी जमीन है उनके दाखिल खारिज की जो करवाई है उसको भी तय किए हुए समय पर ही पूरा किया जाएगा गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर को उन्होंने आदेश दे दिया है कि दाखिल खारिज और राजस्थान न्यायालय में जो भी वादा किया गया था उसकी नियमित रूप से समीक्षा किया जाएगा इससे आप लोगों को समय पर न्याय भी मिलेगा और प्रशासनिक प्रक्रिया जो है उसमें भी सुधार होगा।

‘अपुणि सरकार पोर्टल’ का महत्व

मुख्यमंत्री ने ‘अपुणि सरकार पोर्टल’ के तहत भी सेवा के लिए अधिकार में दिया जा रहा है जो की सेवाओं को समय पर प्रदान करने के लिए आदेश दिया गया है कि अगर कोई भी अधिकारी लापरवाही करता है तो जो उसकी जिम्मेदारी ताकि जाएगी या जो कदम है सरकारी काम में सुधार लाने के लिए और नागरिकों की जो शिकायत है उन सबको काम करने के लिए है।

नागरिकों की सुविधाओं का ध्यान

सीएम धामी नहीं अभी कह दिया है की तहसील में आने वाले जो भी नागरिक हैं उनके लिए बैठने पानी पीने के लिए जल और अन्य मूलभूत सुविधा जो है उन सब की व्यवस्था भी की जानी चाहिए इससे जो भी नागरिक है उनको और भी बेहतर अनुभव मिलेगा और वह प्रशासनिक जो काम है उसमें भी सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे।

समय-समय पर निरीक्षण का आदेश

मुख्यमंत्री ने गढ़वाल और कुमांऊ आयुक्त के साथ जिलाधिकारियों को दिया आदेश दे दिया है कि समय-समय पर तहसील की जो व्यवस्था है उसका भी जांच किया जाएगा यह भी सुनिश्चित करना है जो भी सुविधा है वह सही ढंग से उपलब्ध हो और नागरिकों को कोई भी दिक्कत परेशानी ना हो।

खतौनी को चालू और सर्वे की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री ने खतौनी के पुनरीक्षण और चालू करने की जो प्रक्रिया है उसमें तेजी लाने के लिए भी आदेश दिया है उन्होंने यह साफ-साफ कह दिया है कि जो खतौनी है दर्ज खातेदारों और सा खातेदारों का नवीन डेटाबेस जो है उसको भी तैयार किया जाएगा या जो कदम है भूमि रिकॉर्ड को अपडेट रखने में मदद करेगा ऐसे क्या है कि जो जुड़े हुए समस्या है उसका भी समाधान हो जाएगा।

आधुनिक सर्वे तकनीक का इस्तेमाल

मुख्यमंत्री धामी ने राजस्व अभिलेखों को दर्द संपूर्ण भूमि का आधुनिक विधि है उसे भी जल्दी से सर्वे करने के लिए आदेश दिया है इससे क्या है कि जो आपके भूमि अधिकार है उसकी पहचान में खुलापन आएगा और आप लोग अपनी संपत्ति के जो भी अधिकार है उसके प्रति जागरूक हो पाएंगे।

बैठक में मौजूद अधिकारी

यह जरूरी बैठक जो था उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, चन्द्रेश यादव, अपर सचिव विजय जोगदंडे और अन्य जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक के जरिए से मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में कई पहल की हैं।

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