- प्रबुद्धजनों ने सेतु नाम परिवर्तन पर जताई नाराजगी
मीरजापुर । मीरजापुर में किसान क्रांति के महानायक एवं चुनार विधानसभा के पहले विधायक स्व०राजनारायण सिंह पटेल के नाम पर बने चुनार -बालूघाट गंगा सेतु का नाम मौजूदा सरकार में बदले जाने से चुनार क्षेत्र के सभी लोगों में भयंकर रोष है ।विदित हो कि उक्त सेतु का नाम पूर्व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 13 फरवरी 2007 को स्व०राजनारायण सिंह पटेल के नाम से अनावरण करके क्षेत्रवासियों को गौरान्वित किया था ,परंतु क्षेत्रवासियों का आरोप है कि चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए मौजूदा भाजपा सरकार ने उक्त सेतु का नाम संघ प्रचारक स्व० राम नरेश सिंह के नाम पर बदल कर राजनारायण सिंह के क्षेत्र में किए गए योगदान जैसे किसानों,मजदूरों और समस्त जनता को कृषि क्रांति के जरिये समृद्ध बनाकर क्षेत्र को गौरव प्रदान करने वाले मसीहा के मूल भावना को खण्डित करने का प्रयास किया गया है ,जिसे मीरजापुर की आवाम मौजूदा भाजपा सरकार को किसी भी सूरत में माफ नही करेगी ।
राजनारायण सिंह पटेल और उनके इन क्षेत्रों में योगदान :
चुनार क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक एव पूर्व डॉ राममनोहर लोहिया के साथ काम कर चुके समाजवादी नेता मोती सिंह यह बताते है कि राजनारायण सिंह के योगदान को इस क्षेत्र की जनता कभी भूल नही पाएगी ,उन्होंने सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना के मॉडल को ध्यानार्थ क्षेत्र के कृषक और मजदूर समुदाय के लिए कृषि-आर्थिक सिद्धान्तों पर बल दिया था ।उन्होंने कांग्रेस से 1929 से 1948 तक बतौर जिलापरिषद प्रतिनिधि बनकर इस क्षेत्र की जनता की सेवा किया है ।उनके सहज और सरल स्वभाव से प्रभावित होकर क्षेत्र की जनता ने पहली बार 1951 मे उन्हें अहरौरा क्षेत्र से विधायक पद पर सुशोभित किया था ।उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी सूझ-बूझ के साथ -साथ कई क्षेत्र में कई रचनात्मक कार्यो को अंजाम दिया जिसमें ज़मीदारी उन्मूलन के दौरान क्षेत्र के लगभग 65 प्रतिशत किसानों को जमीनें उपलब्ध कराई जिससे किसानों की आजीविका का साधन बाधित न हो,इसके अलावा मुसखरी बांध ,जरगो बांध जिसे लेकर जनसंघ इस बांध के निर्माण के विरोध में सत्याग्रह कर रहा था,इसमें स्त्री, पुरूषों को अपने नैतिकता के आधार पर जेल से मुक्त कराकर आपसी सौहार्द कायम करने का श्रेय इन्ही को जाता है ,इस बांध के जरिये क्षेत्र के साथ -साथ सीमावर्ती वर्तमान चंदौली जनपद को भी लाभन्वित किया जाता था ।क्षेत्र में अहरौरा बांध, आनन्दी पुर माइनर ,मधुपुर माइनर ,नुनौटी(सक्तेशगढ़)बांध,लहौरा बांध,हिनौती माइनर,सल्हूपुर(चरईपुर )माइनर,चुनार-कछवा रोड का निर्माण, अहरौरा से राबर्ट्सगंज पक्की सड़क,मड़िहान से घोरावल मार्ग ,कुड़वाताल (भुइली)जल निकासी प्रबंधन,बरईपुर के आसपास क्षेत्रो में सिंचाई प्रबन्धन, शेरवा -विक्सिपुर माइनर जीर्णोद्धार, अहरौरा और चुनार शहर में पेयजल प्रबंधन, हवेली एव सीखड़ ब्लाक में विद्युत एवं नलकूप प्रबन्धन कराना इनके प्रमुख योगदानों में शामिल है ।जिसके द्वारा किसानों और मजदूरों के समृद्धि का मार्ग प्रसस्त किया गया ।
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत मार्ग क्षेत्र में जीवनाथपुर-जमालपुर-कंचनपुर संपर्क मार्ग,चुनारघाट से अदलपुरा -वाराणसी संपर्क मार्ग,चकिया (चन्दौली) से अहरौरा-चुनार संपर्क मार्ग ,चुनार रेलवे स्टेशन से चुनार शहर को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग के निर्माण करवाने का श्रेय भी इन्हें जाता है ।उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के कृषि नीति के मुद्ददो, पेयजल,भूमि प्रबन्धन, जल प्रबंधन, खेती की योजनाओं को तकनीकी से जोड़ने ,जलमग्न क्षेत्रों में जल प्रबंधन ,विद्युत प्रबन्धन सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधानसभा को अवगत कराते हुए क्षेत्र में कई कार्य किए जिससे क्षेत्र में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त और मजबूत हुआ ।ऐसे क्षेत्र के विकासपुरुष को मौजूदा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा अपमानित किया जाना कही न कही इस बात को प्रमाणित करता है कि वह अत्यंत कुंठित मानसिकता से कार्य कर रही है ।
क्षेत्र के शिवाजी नेशनल इंटर कालेज हांसीपुर के पूर्व शिक्षक कृष्ण कुमार सिंह कहते है कि स्व०राजनारायण सिंह जी इस क्षेत्र के विकासपुरुष के नाम से विख्यात रहे है ,उन्होंने इस कॉलेज की स्थापना करवा कर शिक्षा क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ा है ।
चुनार क्षेत्र के समाजसेवी और वरिष्ठ सत्येंद्र सिंह पटेल कहते है कि जनसंघ प्रचारक राम नरेश सिंह की तुलना में स्व०राजनारायण सिंह पटेल के योगदान की तुलना का कोई मेल नही है ।यह भाजपा की सोची समझी चुनावी रणनीति के चक्कर मे स्व०राजनारायण सिंह पटेल को सम्मान न देकर यह सिद्ध कर रही है कि राजनारायण सिंह के योगदान और जनता की मूल भावना को वह भूल चुकी है ।और बार -बार क्षेत्रवासियों के आत्मा पर प्रहार कर रही है ।
शिवाजी इंटर कालेज की पूर्व प्रवक्ता एवं स्व० राजनारायण सिंह पटेल की नातिन ज्ञान गीता सिंह कहती है कि नाना जी के कार्य और संघर्षो को याद करके आज भी हम सब गौरव महसूस करते है ।उनकी नजर महिला सशक्तीकरण और उनके अधिकारों के विचारों को सुनकर हम सबको अत्यंत प्रेरणा मिली है ।बी एच यू के डॉ मनोज सिंह का कहना है कि स्व०राजनारायण सिंह क्षेत्र के अमूल्य धरोहर है जिन्हें एक सोची -समझी रणनीति के तहत इस क्षेत्र के मौजूदा जनप्रतिनिधियों द्वारा नजरअंदाज करना यह सिद्ध कर रहा है कि उनके निजी स्वार्थ के आगे क्षेत्र के धरोहर का कोई महत्व नही है ,क्षेत्र की मौजूदा सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ,राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल, वर्तमान विधायक अनुराग सिंह पटेल,राज्यसभा सांसद रामशकल ,दिलीप सिंह पटेल क्षेत्रीय उपाध्यक्ष भाजपा काशी क्षेत्र, संजय भाई पटेल क्षेत्रीय उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग काशी क्षेत्र ने कृषक समुदाय के इस महापुरुष का नाम सेतु से हटवाकर क्षेत्र के जनता की भावना पर आघात किया है है ,क्योंकि उनकी समझ उनके निजी हित से आगे की नही है ।और उन्होंने यह बता दिया है कि उनकी राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण क्षेत्र की धरोहरो का सम्मान नही है जो कि अति निंदनीय है ।राज्यसभा सांसद रामशकल के प्रयास और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा राजनारायण सिंह का उक्त सेतु से नाम हटाना अत्यंत निराशाजनक निर्णय है ,जिसे चुनार सहित जनपद के अन्य क्षेत्रों की जनता कभी नही भूलेगी ।
रामनरेश सिंह का संक्षिप्त परिचय :
जनसंघ की प्रत्यक्ष रूप से अनुसांगिक इकाई आर एस एस के प्रचारक का जन्म नरायनपुर के बगही में 1925 ई ०में हुआ था ।वे चुनार तहसील में नकलनवीस के पद पर कार्यरत रहे ,1946 में अपनी नौकरी छोड़कर वे पूर्ण रूप से आर एस एस के प्रचारक बन गए जिसके एक उप सन्गठन भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में उन्होंने आर एस एस के लिए काम किया ,उन्होंने 1950 में पुरुषोत्तम चिकित्सालय की स्थापना करवाया ,उन्होंने आर एस एस की इस संस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से अन्य उप संस्थाओं का निर्माण किया जिसके द्वारा मजदूर संघ को सबसे अधिक ताकत मिली ।संघ द्वारा उनके इस कार्य के लिए आधुनिक विश्वकर्मा का खिताब दिया गया ।