बीकानेर Abhayindia.com राजस्थानी भाषा,साहित्य और संस्कृति को समर्पित उजास संस्थान द्वारा शहर की तीन महिला साहित्यकारों को “उजास सृजन सम्मान” से सम्मानित किया गया। बहुआयामी साहित्यकार, शोधकर्ता और समाजसेवी डॉ. बसंती हर्ष को उनके द्वारा साहित्य की विविध विधाओं में बीस पुस्तकों के सृजन के लिए, कवयित्री यामिनी जोशी को उनके प्रथम काव्य संग्रह “भावों की सरगम” के प्रकाशन के लिए और हिंदी राजस्थानी और बांग्ला की साहित्यकार सुश्री पूर्णिमा मित्रा को उनके तीनों भाषाओं में पुस्तकों के सृजन के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए उजास संस्थान की अध्यक्ष दर्शना कंवर उत्सुक ने कहा कि राजस्थान की महिला साहित्यकार घर परिवार और रोजगार की व्यस्तताओं के बावजूद श्रेष्ठ सृजन कर रही हैं। ये रचनाकार न केवल राजस्थान में वरन पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित कर रही हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार सरोज भाटी ने राजस्थानी भाषा में महिला रचनाकारों के अवदान को महत्वपूर्ण बताया। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी संस्कृतिकर्मी श्रीमती झंवरा स्वर्णकार ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए प्रयासों को और तेज करने की जरूरत बताई।
सम्मान समारोह में विशेष आमंत्रित अतिथियों के रूप में विभिन्न क्षेत्रों के पुरुष साहित्यकारों यथा डॉ. अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार डॉ. नीरज दइया और जुगल किशोर पुरोहित ने भी महिला रचनाकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें इंजीनियर आशा शर्मा, मधुरिमा सिंह, सरोज भाटी, डॉ. बसंती हर्ष, दर्शना कंवर उत्सुक, यामिनी जोशी, सुश्री पूर्णिमा मित्रा, राजाराम स्वर्णकार और जुगल पुरोहित ने काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। डॉक्टर एस. एन. हर्ष ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।