मकर संक्रांति का पर्व इस साल 14 जनवरी दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा । मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं खरमास खत्म होता है और मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं । मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान का भी बड़ा महत्व है । इस दिन आप अपनी राशि के अनुसार वस्तुओं को दान करके सूर्य देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और ग्रहों को मजबूत कर सकते हैं । आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति पर राशि के अनुसार क्या वस्तुएं दान करें
1-मेष राशि वाले लोग तिल मिठाई खिचड़ी रेशमी कपड़ा दाल मीठे चावल और ऊनी वस्त्र आदि दान करें
2-वृषभ राशि के लोग तेल और द की दाल खिचड़ी काली औरत सरसों का तेल काला कपड़ा काले तिल आदि वस्तुएं दान करें
3-मिथुन राशि के लोग खिचड़ी काले तिल छाता और बेसन के लड्डू सरसों का तेल आदि वस्तुएं दान करें
4-कर्क राशि के लोग गरीब और जरूरतमंद लोगों को खिचड़ी चने की दाल पीला कपड़ा साबुत हल्दी पीतल के बर्तन फल आदि दान करें
5-सिंह राशि के लोग मसूर की दाल खिचड़ी गजक रेवड़ी आदि दान करें 6-कन्या राशि के लोग गरीबों को साबूत मूंग हरे कपड़े खिचड़ी मूंगफली आदि वस्तुएं दान करें
7-तुला राशि के लोग खिचड़ी व मिश्री गर्म कपड़े आदि दान करें
8-वृश्चिक राशि के लोग खिचड़ी कंबल तिल गुड़ आदि दान करें
9-धनु राशि के लोग मूंगफली लाल चंदन तिल लाल कपड़ा गरीब ब्राह्मणों की जरूरत बंद सामान दान करें
10-मकर राशि के लोग इस दिन खिचड़ी कंबल कपड़े जरूरतमंद सामान दान करें
11-कुंभ राशि के लोग खिचड़ी तेल गर्म कपड़े खाने की वस्तुएं दान करें
12-मीन राशि के लोग गुड तिल मूंगफली खिचड़ी आदि दान करें
मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान दान जाप करने का महत्व माना जाता है इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में यात्रा आरंभ करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है इस दिन मकर संक्रांति की तिथि को लेकर बड़ी दुविधा है की 14 जनवरी और 15 जनवरी मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियां लेकर लोग उलझन में है हालांकि मकर संक्रांति तब शुरुआत होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2:00 बज कर 27 मिनट पर गुजर कर रहे हैं ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे तो इसी दिन पुण्य काल रहेगा 16 घटी पहले और 16 घटी का पुण्य का विशेष महत्व रखता है ।
ज्योतिष आचार्य ने बताया है कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त सूर्य की संक्रांति समय 16 घंटे पहले और 16 घंटे बाद पुण्य काल होता है इस बार पुण्य काल 14 जनवरी को सुबह 7:15 से शुरू हो जाएगा जो शाम 5:44 तक रहेगा इसमें स्नान दान जाप कर सकते हैं वही स्थिर लगना यानी समझे तो महा पुण्य काल का मुहूर्त 9:00 से 10:30 तक रहेगा इसके बाद दोपहर 1:00 बजे 32 मिनट से 3:28 तक इस दिन प्रात काल स्नान कर लो 22:00 में लाल फूल और अदरक डालकर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य के बीज मंत्र ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें व गीता का पाठ नए अन्य कंबल तिल और घी का दान करें भोजन में नए अन्य की खिचड़ी बनाएं भोजन भगवान को समर्पित करें प्रसाद रूप में ग्रहण करें संध्याकाल में अन्य का सेवन ना करें इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है महत्व मकर संक्रांति को वर्ष को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान दर्द तथा दान और भगवान सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व है इस दिन किया गया दान अक्षय फलदाई होता है इसी दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है पंजाब यूपी-बिहार और तमिलनाडु में यह समय नई फसल काटने का होता है इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में मनाते हैं इस दिन तिल और गुड़ की बनाई मिठाई बांटी जाती है इसके अलावा मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा बहुत प्राचीन है ।