बामुलाहिजा होशियार…जिल्ले हिलाही…भक्तिमो शान शहशांह…फेके “56” के जनक…हमबानी हडानी के अघोषित साढ़ू…पाइरेटेड टै’गोर पधार रहे हैं।
(दुदुम्भी की आवाज)…पों पो पों….
(खुद बैठते हुए) भाईयों बैनो…बैठ जाईये…अपने जागिए हिन्नुओं को जगाइए…देखिये… हिन्नु खतरे में है।
मगर जहांपनाह मौजी जी…फिलहाल तो महंगाई मंदी से आम आदमी खतरे में है।
ये भुप्पीन्दर जादो है…तनी कम दिमाग चाटो…इधर मुँह करो…ये धप्प। मिल गया मं’त्री पद अब जाओ…यूपी में जाओ जादोवों का एकजुट करो…जीभेपी अच्छी पाल्टी है उनमें कूट कूट करो भरो। सप्पा पाल्टी में कमियां दिखाओ।
जी जहांपनाह…आपने मुझे मं’त्रालय में पनाह दि है। आज से ऐसा ही होगा।
हां तो मित्रों…होबीसी समाज के विचित्रों कहना यह है कि…दे’श खतरे में है।
नहीं जहांपनाह नहीं… फिलहाल निछाद समाज खुद ठगा महसूस कर रहा है। परवीन हम सप्पा को धोखा देकर आपके साथ आ गए हैं। मगर दे’श खतरे में बताकर हमारा ही पर कतरे जा रहे हैं।
अरे भाई…संन्जय निछाद…इतना मत करो विषाद…तुम अपने लईका परवीन को लेकर जोरखपुर जाओ…मोटाभाई मोटा माल पहुँचवा देगा। अभी यूपी में जाओ अपने लोगों को जीभेपी हमारी रहनुमा पाल्टी है यह बताओ। यूपी में भी जगह है वहां जोग्गी जी से कहवा के एडजस्ट करवाता हूँ।
जी हजूर जी…जी जहांपनाह जी।
हां तो कहना यह था कि…लेहरू जी कि वजह से पिछड़ा पिछड़ता गया है।
रुकिए रुकिये…जहांपनाह…रुकिये शहंशाह…मेरी सहनशीलता अब जवाब दे रही है। 2 साल हो गयें आपने अभी तक मं’त्रालय का मुहं तक नहीं देखने दिया।मेरे हस’बैंड यूपी में मंतरी नहीं बनेंगे तो अपने टटेल समाज में क्या मुँह दिखाएंगे।
ओय हेंन्नुप्रिया टटेल…तू काहे दे रही बात को नकेल…यह ले मं’त्री पद… अब जा टटेल समाज को जीभेपी की तरफ धकेल कर ला।
शुक्रिया जहाँपनाह… शुक्रिया शहंशाह।
मगर…सब लोग कान खोलकर सुनलो…नीट फिट से होभिसी का कोटा समाप्त कर रहे हैं। तुम सब जाओ…सिर्फ और सिर्फ मंदिल मुसरिम फलनवा ढेकनवा पर ही अपनी बात लोगों को समझाओ। देखो केछव मोरिया और छवामी परसाद मोरिया भी कितने मजे से मौज उड़ा रहे हैं। उ कभी होभिसी समाज की बात गा रहे हैं।
जी जहांपनाह आपको हम सब की तरफ से आपको नीट की सीट के रूप में तोफा कुबूल हो। आप और तेजी से इसी तरह होभिसी धलित समाज की “गांव” काटते जायें। ताकि कुछ दिनों में होभिसी बिन पेंदी के पेंडुलम बन जायें।
जय जय सरदार की जय जय जहाँपनाह की…हम लोग चल रहे हैं….अपना काम बनता आरकक्षन गवायें ओभिसी जनता ।